Wednesday, January 20, 2016

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Friday, May 24, 2013

कैंडिल मार्च क्यों ???

कैंडिल मार्च क्यों ???
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भाइयों एवं बहनों,
देश में जनसंख्या विष्फोटक स्थिति पर पहुँच चुकी है जो आज देश की सारी प्रगति को दीमक की तरह चाट रही है ।इसी बढ़ती जनसंख्या के कारण आज शहरों में चलना दूर है , चारों ओर जाम ही जाम । अगर हम अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब सारे शहर केवल भीड़भाड़ वाले मेलों में तब्दील हो जायेंगे और हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक मेलों की भाँति केवल पैदल ही पहुँच पायेंगे ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूकता कार्यक्रम सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे लेकिन आंकडे़ सामने हैं । कभी गंभीरता से चिन्तन करिये तो राष्ट्र के भविष्य के लिये यक्ष प्रश्न खड़ी करती है जनसंख्या । जिस देश की अधिसंख्य आबादी कुपोषण से ग्रस्त, अशिक्षित , बेरोजगार ,ग़रीब हो उस देश से आशा भी क्या की जा सकती है ?
हमारी जनसंख्या का घनत्व ग़रीबी के मध्य सर्वाधिक है । ग़रीबी और आबादी एक दूसरे के पूरक हैं , अन्योन्याश्रित हैं । देश की युवा फौज का 80% अंश ग़रीब परिवारों से है जो स्वयं साधन हीन है ,वे देश के विकास में कितनी भागीदारी निभायेंगे ? जनसंख्यावृद्धि धर्म , सम्प्रदाय , जाति से जोड़ कर देखना एक गंभीर भूल है , समस्या से मुँह मोड़ना है । ग़रीबों की स्थितियां ही ऐसी होती हैं कि उन्हीं के बीच जनसंख्या तेज़ी से फलती फूलती है ।
एक बात यहाँ गंभीरता से समझनी होगी ----- नेताओं, राजनीतिक दलों और धनाड्यों को जनसंख्या बढ़ने से लाभ है -----एक को भारी संख्या में मतदाता मिलते हैं तो दूसरे को मिलते हैं उपभोक्ता और सस्ते श्रमिक । इसलिये राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुँचाने वाली इस समस्या से हमें ही जूझना होगा । जागरूकता पैदा करने के साथ साथ हमें आन्दोलन चलाने होंगे ---- एक सक्षम क़ानून के लिये । हिन्दू , मुस्लिम , सिख ,ईसाई आदि सभी को कंधे से कंधा मिला कर । चीन का उदाहरण हमारे सामने है । ग़रीब के हित में और राष्ट्र के हित में इस देश को एक न एक दिन "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम "बनाना होगा और देश को अपूरणीय क्षति से बचाना होगा ।
हम कैंडिल मार्च से देश का ध्यान खींचना चाहते हैं और देश की संसद से माँग करते हैं कि शीघ्र ही इस आशय का बिल संसद में लाये और समुचित प्रावधानों के साथ उसे शीघ्र पारित करे ।आइये ,भारत बदलना चाहता है -- समय की माँग है -- बस हम खुले मन से साथ दें ।
बदलता भारत( INDIA CHANGES ) की अनेक माँगे हैं जिनके लिये हम संघर्षरत हैं और उनमें से एक है ---- जनसंख्या नियंत्रण के लिये सक्षम क़ानून की माँग । क़ानून जो सबके लिये समान हो ,कोई दबाव नहीं , जोरजबरदस्ती नहीं --बस एक क़ानून हम सबके लिये ।
आइये जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिये 8 जून 2013 को हम मिल कर कैंडिल मार्च निकाल कर जन जागृति पैदा करे़ और संसद तक अपनी बात पहुंचायें ।
''जनसंख्या के सैलाब में बह न जायें हम कहीं ,
क़ानून की पतवार अब , हाथ में ले लीजिये ।
'होरी' अभी भी है समय कुछ चेतिये,उठ बैठिये ,
डूबने से पूर्व ,जिन्दा कौ़म हैं , कुछ कीजिये ।।'' आपका साथी
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक
दिनांक --25 मई 2013 INDIA CHANGES (बदलता भारत )
Facebook.com/pages/ India changes , Facebook.com/ group/ India changes , www.indiachanges.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com
Emails ---indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
Delhi office --- 182/3 गुरु कृपा एपार्टममेंट , ग्राउंड फ्लोर , महरौली ,नई दिल्ली -30 ,, ग़ाज़ियाबाद कार्यालय --63 NITI KHAND 3rd ,Indirapuram Gzb


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Saturday, May 18, 2013

देश के राजनैतिक दलों , बुद्धिजीवियों से प्रश्न ???

देश के राजनैतिक दलों , बुद्धिजीवियों से प्रश्न ???
देश में विस्फोटक स्तर तक बढ़ रही जनसंख्या के नियंत्रण के लिये "बदलता भारत "( INDIA CHANGES ) संसद से "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम " बनाने की माँग करता है । आप राष्ट्रीय महत्व के इस बिन्दु का समर्थन करते हैं ? या विरोध ?
समर्थन के लिये लिखें ---हाँ । विरोध के लिये लिखें -नहीं ।
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक - बदलता भारत (INDIA CHANGES ) www.indiachanges.com ,horibadaltabharat.blogspot.com , horiindiachanges.blogspot.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , facebook.com/pages/India changes , eid ----- indiachanges2012@gmail.com ,indiachanges2013@gmail.com



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Wednesday, May 15, 2013

ओउम् नम: शिवाय

ओउम् नम: शिवाय
(होरी काव्य सागर )
(छन्द)--6
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अल्ला भगवन गाड कहो सब ,
एक बात है भाई ।
एक धर्म है एक जाति है ,
मानव कहाँ लड़ाई ?
धरती आसमान जो बाँटे ,
वह है कुर्सी माई ।
मन्दिर मस्जिद गिरजाघर,
गुरुद््वारा रही लड़ाय ।
ओउम् नम: शिवाय , ओउम् नम: शिवाय ।।
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान होरी


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Sunday, May 12, 2013

माँ

माँ
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मातृ दिवस --मदर्स डे पर
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माँ से बढ़ कर कौन यहाँ है ।
माँ से बढ़ कर केवल माँ है ।
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होंगे सब के पास बहुत कुछ ,
मेरे ढिग तो केवल माँ है ।
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दुनिया भर में घूमूं क्यों ,
माँ चरणों सम्पूर्ण जहाँ है ।
--------------------------
बाकी के तो ठौर ठिकाने ,
माँ ही केवल। यहाँ वहाँ है ।
------------------------
घुप अंधेरे में बस माँ ही ,
"होरी" जैसे एक शमां है ।
@@@@@@@@@@@@@@@@
राज कुमार सचान होरी


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Tuesday, May 7, 2013

Fwd: बदलता भारत के दोहे



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Begin forwarded message:

From: Rajkumar sachan <horirajkumar@gmail.com>
Date: 27 April 2013 11:27:21 AM GMT+05:30
Subject: बदलता  भारत  के  दोहे

                       बदलता  भारत  के  दोहे
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(१)परिवर्तन की लीजिये , सदा श्वंास प्रश्वांस ।
    बदलेगा भारत कभी, यही आश  विश्वास ।।
(२) भारत को बदलो ,उठो ,चलो हमारे साथ ।
     होरी बढ़ो , बढ़ो ,बढ़ो ,लिये हाथ में हाथ ।।
(३) जनसंख्या इस भाँति ,यदि, बढ़ी और श्रीमान ।
     मेले   से बन   जायेंगे , सारे  नगर  सचान ।।
(४) भारत में होगा कभी , जनसंख्या विस्फोट ।


Saturday, May 4, 2013

1 /नरेगा को कृषि से पूर्ण रूप से जोड़ना

1 /नरेगा को कृषि से पूर्ण रूप से जोड़ना
गत तीन वर्षों में नरेगा में काम कम हो जाने के कारण भारत सरकार और प्रदेश सरकारों से इस योजना में धन आवंटन लगातार कम होता जा रहा है । इससे नरेगा योजना के सामने ही गंभीर संकट खड़ा हो गया है । नरेगा के अंतर्गत आने वाले कार्यों की संख्या घटते जाने के कारण जहाँ एक ओर काम कम मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार तेज़ी से बढ रहा है। काम कम होते जाने के कारण जहाँ एक ओर ईमानदार प्रधान और अधिकारी व कर्मचारी नरेगा से दूर भाग रहे हैं वहीं बेइमान अधिकारी,कर्मचारी व प्रधान भ्रष्टाचार में आकंठ डूब गये हैं ।
एक ओर तो मज़दूर और मज़दूरी के सामने गंभीर संकट तो दूसरी ओर किसान परेशान । नरेगा के बाद से गाँवों में मज़दूरी की दरों में व्रद्धि होने से किसानों को खेती में लागत अधिक लगानी पड रही है और मज़दूर भी समय से नहीं मिल पा रहे हैं। धीरे धीरे जो किसान खाद बीज पानी दवाओं की बढ़ती कीमतों से पहले ही परेशान था , मज़दूरी में व्रद्धि से और टूटने लगा । पूरे देश में लघु और सीमांत (छोटे किसान ) किसान तो बड़ी संख्या में खेती ही छोड़ने लगे ।। आज देश में अज़ीब स्थिति है मज़दूर और किसान दोनों बेहद परेशान ।
इंडिया चेंज़ेज़ ( India Changes ) ने अपनें राष्ट्रीय संयोज़क प्रसिद्ध साहित्यकार और समाजसेवी श्री राज कुमार सचान 'होरी' के प्रशासनिक और सामाजिक अनुभवों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि उक्त दोनों गंभीर समस्यायों का एकमात्र हल है ...........
"नरेगा का कृषि से पूर्ण सम्बद्धीकरण ।"
इसे गहराई से समझना आवश्यक है ... खेती का कोई भी कार्य हो कृषि,उद्या़न अथवा वानिकी(forestry) या खेती से संबंधित अन्य कार्य जो उत्पादन से जुड़े हों में मज़दूर नरेगा से दिये जाँय और उनकी मज़दूरी किसान के बजा़य नरेगा योजना से मिले । इस प्रकार किसानों को मज़दूर बिना किसी लागत के साल भर लगातार उपलब्ध होंगे जिससे उसकी फसलों की लागत कम होगी और खेती घाटे के स्थान पर लाभकारी बन सकेगी ।किसान मज़दूर और मज़दूरी से मुक्त होकर पूरा ध्यान खेती में लगा सकेगा । कृषि उत्पादन भी निश्चित रूप से बढ़ेगा ।देश में खाद्यान्न का आसन्न संकट भी टल जायेगा । कृषि उत्पादन में लागत कम होने से खाद्यानों की कीमत में भी कमी आयेगी जिससे आम उपभोक्ता को फ़ायदा होगा ।
कृषि सदियों से चले आने वाला व्यवसाय है जो भविष्य में भी चलता रहेगा , इसलिये इससे पूर्ण सम्बद्ध होने पर नरेगा योजना को भी सदैव जीवित रखा जा सकेगा । मज़दूर को काम पहले से बहुत अधिक मात्रा में लगातार मिलता रहेगा । यहाँ यह शर्त है कि किसान में लघु , सीमांत और बड़े सभी सम्मिलित हों तभी इसका पूर्ण अर्थ भी है ।
देश के ७० प्रतिशत किसान और ग्रामीण मज़दूर दोनों एक साथ खुशहाल होंगे और एक और लाभ साथ ही साथ होगा ़़़़गांवों में किसान-मज़दूर के मध्य भाईचारा बढ़ेगा जो नरेगा के लागू होने के बाद से सबसे निम्न स्तर पर पहुँच गया है ।
आइए हम मिल कर इसे सम्पूर्ण देश में लागू करायें । देश विशेषकर ग्रामीण विकास के लिये ।
@ INDIA CHANGES
eid .... indiachanges2012@gmail.com & indiachanges2013@gmail.com & horiindiachanges @gmail.com & web: indiachanges.com



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