नहीं वर्ण हो , नहीं जाति हो , मानव मानव एक समान ।
उच्च निम्न का भेद न हो ,सब का हो हिय जिय सम्मान ।।
ऊर्ध्वाधर समाज अब भागे ।
अब क्षैतिज समाज हो आगे ।। महामानव , मानववाद के पोषक श्री राम स्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित ।
प्रसिद्ध कवि , साहित्यकार , समाज सेवी एवं प्रखर वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" राष्ट्रीय अध्यक्ष -- अर्जक साहित्य परिषद और राष्ट्रीय संयोजक -बदलता भारत द्वारा संचालित ।
Monday, April 15, 2013
सत्ता में भागीदारी
सत्ता में भागीदारी बौद्धिक कार्यों के सहारे भी की जा सकती है । ब्राह्मण समाज से सबको सीखना चाहिये ।राजनीतिक सत्ता किसी की भी हो - सत्ता में भागीदारी सदा ही उनकी रही है । आइये 1व 2 मई को दारुल सफा में शुद्धीकरण उपवास में भाग लें ।
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