नहीं वर्ण हो , नहीं जाति हो , मानव मानव एक समान ।
उच्च निम्न का भेद न हो ,सब का हो हिय जिय सम्मान ।।
ऊर्ध्वाधर समाज अब भागे ।
अब क्षैतिज समाज हो आगे ।। महामानव , मानववाद के पोषक श्री राम स्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित ।
प्रसिद्ध कवि , साहित्यकार , समाज सेवी एवं प्रखर वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" राष्ट्रीय अध्यक्ष -- अर्जक साहित्य परिषद और राष्ट्रीय संयोजक -बदलता भारत द्वारा संचालित ।